
सरकार भले ही डाक विभाग के कामकाज के तौर-तरीकों और तकनीक को बदलने पर पूरा जोर लगा रही हो, लेकिन ग्राहकों की शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार की तरफ से बताया गया है डाकियों के खिलाफ सालाना 11 से 12 हजार शिकायतें आ जाती हैं। वहीं, पूरे डाक विभाग की बात करें तो यह आंकड़ा 23 से 25 लाख सालाना है।
सरकार ने यह भी माना है कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के ग्राहकों की तरफ से ज्यादातर शिकायतें समय पर डाक न मिलने की होती हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद में दिए जवाब में यह भी बताया है कि डाक सेवाओं से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए टोलफ्री हेल्पलाइन शुरू की जा चुकी है। वाराणसी और पटना में इस बाबत कॉल सेंटर बनाए गए हैं। प्रसाद ने यूपीए कार्यकाल के आखिरी वर्षों की मौजूदा सरकार के पहले दौर के कार्यकाल से तुलना भी की।
Updates:
Follow us on WhatsApp, Telegram Channel, Twitter and Facebook for all latest updates
Post a Comment