7th Pay Commission- कर्मचारियों को केंद्र पर भरोसा कम, साथियों से कहा तैयार रहो

वाराणसी. वेतनमान में वृद्धि व पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के बाबात विचार का आश्वासन मिलने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों ने 11 जुलाई से प्रस्तावित हड़ताल चार महीने के लिए टाल तो दी है। लेकिन कर्मचारियों को ताकीद भी किया है कि आंदोलन की तैयारी में कमी नहीं आए। संगठन मांग से पीछे नहीं हटने वाला। अगर सरकार कोई हीला हवाली करती है तो हम फिर से लड़ाई लड़ेंगे। ऐसे में कर्मचारी ये न समझें कि हम पीछे हट गए हैं और अब लड़ाई नहीं होगी। वे अपनी तैयारी जारी रखें। बता दें दो दिन पहले पत्रिका ने ही सबसे पहले यह सूचना दी थी कि केंद्रीय कर्मचारियों के आगे केंद्र सरकार झुक गई है। सरकार ने कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने के लिए कमेटी गठित की है जिसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित तीन मंत्री शामिल हैं।

केंद्रीय कर्मचारियों की ये हैं प्रमुख मांगें

बता दें कि केंद्रीय कर्मचारी लंबे अरसे से मांग कर रहे हैं कि न्यूनतम वेतनमान 18,000 से बढ़ा कर 26,00 0 किया जाए, पुरानी पेंशन व्यस्था बाहल हो, पुराने भत्ते जस के तस बहाल किए जाएं, बोनस लिमिट जनवारी 2014 की तरह लागू हो, विवेकदेव राय कमेटी की सिफारिशें रद की जाएं, श्रम कानूनों में सुधार, मजदूर विरोधी कानून में सुधार, रेलवे में सौ फीसदी एफडीआई का निर्णय वापस हो। सातवें वेतन आयोग की स्वीकृत रिपोर्ट में इन मुद्दों को दरकिनार करने के चलते ही कर्मचारियों ने 11 जुलाई से अनिश्चित कालीन हड़ताल की घोषणा की थी। इसके लिए जोर शोर से तैयारी शुरू भी हो गई थी। केंद्रीय कर्मचारियों की हड़ताल से सहमी केंद्र सरकार ने बुधवार की रात कर्मचारी संगठनों के केंद्रीय नेताओँ संग वार्ता की। वार्ता में एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया। सरकार ने कर्मचारी नेताओं को भरोसा दिलाया था कि उनकी मांगों पर सकारात्मक फैसला किया जाएगा। इसके बाद ही केंद्रीय कमर्मचारी नेतृत्व ने चार महीने के लिए हड़ताल टालने का फैसला किया।

नरमू के महामंत्री ने शाखा नेतृत्व को भेजा पत्र

नरमू के महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने बुधवार को केंद्र सरकार के नुमाइंदों संग हुई वार्ता का हवाला देते हुए निचले स्तर के पदाधिकारियों को पत्र भेजा है। यह पत्र सभी जिलों में संगठन के शाखा पदाधिकारियों को प्राप्त हो गया है। इस पत्र के बाबत मिश्र ने पत्रिका को फोन पर बताया कि हड़ताल की घोषणा के बाद से शाखा स्तर पर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का ही परिणाम रहा कि सरकार झुकी। लिहाजा सभी शाखा पदाधिकारियों के प्रति आभार जताते हुए उन्हें यह भरोसा दिलाया गया है कि वे ये न समझें कि हम पीछे हटे हैं। फिलहाल सरकार के आश्वासन पर हड़ताल चार महीने के लिए टाली गई है, वापस नहीं ली गई है। ऐसे में वे अपनी पूरी तैयारी रखें, बैठ न जाएं। अगर सरकार हमारी मांगों को लागू करने में हीला हवाली करती है तो हम फिर से हड़ताल पर जा सकते हैं।

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