नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया। इस रिपोर्ट में आम आदमी को प्रभावित करने वाले 7वें वेतन आयोग के सिफारिशों पर कहा गया है कि इसके लागू करने से बाजार के कीमतों से अस्थिरता नहीं आएगी । रिपोर्ट में कहा गया है कि वेतन वृद्धि लागू करने से महंगाई पर थोडा असर तो होगा लेकिन कीमतें अस्थिर हो जाएगी ऐसी कोई संभावना नहीं है।
संसद में वित्त बर्ष 2015-16 के लिए पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वैश्विक वित्तीय बाजारों में भारी उतार चढाव के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में विपरीत परिस्थितियों से उबरने के क्षमता समकक्ष वैश्विक शेयर बाजारों से अधिक है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुरव्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम द्वारा तैयार आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वैश्विक वित्तीय बाजारों में भारी उतार चढ़ाव के बावजूद भारतीय शेयर बाजार मेें विपरित परिस्थितियों से उबरने की क्षमता समकक्ष वैश्विक शेयर बाजारों से अधिक है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम द्वारा तैयार आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है, 'बाजार में कई बार गिरावट के बाद फिर तेजी आई है।'
सर्वेक्षण के मुताबिक जैसे- जैसे वैश्विक वित्तीय प्रणाली में स्थिरता आएगी, बैसे-वेसे भारत अग्रणी निवेश गंतव्य बनता जाएगा । सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश के मजबूत आर्थिक बुनियाद के कारण देश के शेयर बाजार में निवेश होता रहेगा । सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन दृष्टि से कीमतों में अस्थिरता बने की संभावना नहीं है और मुद्रास्फीति पर इसका मामूली असर होगा । यह बात शुक्रवार क्रो लोकसभा में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 में कही गई है।
संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया, 'चालू वित्त वर्ष में ज्यादातर समय मुद्रास्फीति स्थिर रही और आरबीआई के लक्ष्य 4-6 प्रतिशत के भीतर ही रहीं । लेकिन सातवें वेतन आयोग द्वारा सरकारी कर्मचारियों के वेतन व लाभ बहाने के सिफारिश से मुद्रास्फीति बढने की चिंता लोगों को सता रही है।'
इसमें कहा गया है कि हालांकि लोगों को फिक्र है, "यदि सरकार इस सिफारिश को स्वीकार करती है तो क्या कीमतें अस्थिर हो जाएगी और महंगाई बढ़ जाएगी? ज्यादा संभावना है कि ऐसा नहीं होगा।"
छठे वेतन आयोग के सिफारिशों के क्रियान्वयन का उदाहरण देते हुए आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि उस समय में भी सिफारिश भारी भरकम थीं, लेकिन मुद्रास्फीति पर उसका कोई बडा असर देखने में नहीं आया था।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि रेलवे सहित अनुमानित वेतन का बिल सातवें वेतन आयोग के तहत करीब 52 प्रतिशत बढ़ जाएगा, जबकि छठे वेतन आयोग में यह 70 प्रतिशत बढा था।
इससे कहा गया है कि चूंकि सरकार "राजकोषीय घाटे को कम करने देंगे प्रतिबद्ध है इस लिए वेतन में बढोतरी होने के बावजूद कीमतों का दबाव कम होगा।"
वेतन आयोग के उपलक्ष्य में एक अहम मीटिंग एक मार्च होने वाली है और सम्भव है की इसके बाद कुछ मीटिंगों और होगी । सरकार के पूरी कोशिश पूरी होगी के कर्मचारी किसी न किसी बात पर समझौता कर ले, इसमें मुख्यत: न्यूनतम वेतन में बढोतरी अहम है । फिलहाल वित्तमंत्री का आश्वासन के सरकार वेतन आयोग के सिफारिशों क्रो मानने के लिए बिलकुल तैयार हैं। कर्मचारी संगठनो के लिए राहत भरी है।
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